हिंदी व्याकरण
शब्द-विचार
शब्द
एक या उससे अधिक वर्णों से बनी हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि शब्द कहलाती है। किसी भाषा में अनेक सार्थक शब्दों का प्रयोग किया जाता है तब वह एक वाक्य का रूप लेकर पूर्ण अभिव्यक्ति करने में सक्षम हो पाता है। यह स्थाई नहीं होते, यह परिवर्तनशील होते हैं, यह समाज परिवेश और आवश्यकता के अनुसार जुड़ते रहते हैं तथा विलुप्त होते जाते हैं।
जैसे पूर्व समय में व्यापार विनिमय का विभिन्न साधन था उस समय जो शब्द – सेर, सवा सेर, कुंटल, तोला, मासा, आदि का प्रयोग किया जाता था आज वह प्रयोग में नहीं है।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है समाज में रहते हुए उसे अपने विचारों के आदान – प्रदान के लिए शब्द तथा भाषा की आवश्यकता होती है।
शब्द भाषा की छोटी इकाई होती है। दो या अधिक वर्णन को जोड़ने पर इस का निर्माण होता है, उसी प्रकार दो या अधिक शब्दों के जोड से भाषा का निर्माण होता है। व्यक्ति सामाजिक प्राणी है और समझदार भी इसलिए वह अपने अभिव्यक्ति के लिए भाषा का प्रयोग करता है।
शब्द के प्रकार
- तत्सम
जो शब्द संस्कृत से हिन्दी में ज्यो के त्यों अर्थात बिना परिवर्तन के ले लिए गए है
जैसे – अग्नि, पृथ्वी, रात्रि
- तद्भव
तत्सम (संस्कृत) के वे शब्द है जो कुछ बिगड़ कर हिन्दी में प्रचलित हो गए है
जैसे – हस्त से ‘हाथ’, कर्ण से ‘कान’
- देशी
जो शब्द स्थानीय भाषाओं में से हिन्दी में प्रयुक्त होते है
जैसे – रोड़ा, बैंगन, सेब
- संकर
दो भाषाओं के मेल से बने शब्द संकर कहलाते है
जैसे –
खून + पसीना बे + डौल
फारसी + हिन्दी जेल + खाना
टिकट + घर अग्रेजी + हिन्दी
- विदेशी
वे शब्द जो विदेशी भाषाओं से हिन्दी में आए है।
अरबी के शब्द :- अखबार, आदत, आखिर, अमीर, ईनाम, ईमान, उम्र, औरत, कसूर, कसरत, कानून, किताब,
खबर, खराब, जनाब, जलिम, तहसील, तकदीर, तबादला, नशा, फायदा, मुल्ला, मजहब, मतलब, हकीम, शराब
फारसी के शब्द :- अदा, अगर, आमदनी, आईना, आवाज, आसमान, कमीना, कारीगर, किशमिश, खुश, गवाह, चादर, चश्मा, चेहरा, जिगर, जोश, दफ्तर, दवा, दीवार, दिलेर, दलाल, पाजामा, परहेज, बेकार, बेरहम, मजदूर, सरदार, सौदागर, साहब
तुर्की के शब्द :- तोप, तमाशा, कैंची, खंजर, चेचक, चम्मच, बेगम, बारुद, बहादुर, मुगल, दरोगा, सराय, बीबी, लाश, उर्दू
अंग्रेजी के शब्द :- अफसर, अपील, कमेटी, कलक्टर, गिलास, अस्पताल, गैस, टिकट, कुली, लालटेन, पुलिस, रजिस्टर
फ्रेंच के शब्द :- लैम्प, मेयर, आलपिन, सूप, पिकनिक, कारतूस, कूपन, मीनू, अंग्रेज
जापानी के शब्द :- रिक्शा
चीनी के शब्द :- चाय, लीची, चीनी
पुर्तगाली :- अलमारी, इस्तरी, इस्पात, कनस्तर, कप्तान, गोदाम, नीलम, पादरी, फीता, गमला, संतरा, चाबी, तौलिया, बाल्टी, साबुन
व्युत्पति (रचना या बनावट) के आधार पर शब्द के भेद
- रुढ़ :- जो अन्य शब्दो के योग से न बने हों
जैसे – कमल, घोड़ा, जल
- यौगिक :- जो दो शब्दो मे योग से बनते है
जैसे –
पाठशाला = पाठ + शाला,
विद्यालय = विद्याा + आलय
- योगरुढ़ :- जो शब्द दो या दो से अधिक शब्दों के योग से बने हों तथा किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हो उन्हे योगरुढ़ शब्द कहते है।
जैसे – दशानन, लम्बोदर