UCC

Uniform Civil Code

यूसीसी कानून क्या है? - यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो. यानी हर धर्म, जाति, लिंग के लिए एक जैसा कानून

समान नागरिक संहिता से क्या लाभ है? समान नागरिक संहिता में सभी धर्मों के लिए एक कानून की व्यवस्था होगी. हर धर्म का पर्सनल लॉ है, जिसमें शादी, तलाक और संपत्तियो के लिए अपने-अपने कानून हैं. UCC के लागू होने से सभी धर्मों में रहने वालों लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे.

क्या भारत में समान नागरिक संहिता लागू है? भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में राज्य को पूरे भारत में नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास करने का आदेश दिया गया है।

क्या भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड होना चाहिए? बी आर अम्बेडकर ने संविधान को बनाते समय कहा था कि यूनिफॉर्म सिविल कोड वांछनीय है लेकिन फिलहाल यह स्वैच्छिक रहना चाहिए, और इस प्रकार संविधान के मसौदे के अनुच्छेद 35 को भाग IV में राज्य नीति के निदेशक सिद्धांतों के एक भाग के रूप में जोड़ा गया था। भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 के रूप में।

समान नागरिक संहिता का विरोध क्यों? - समान नागरिक संहिता का विरोध करने वाले कहते हैं कि इससे सभी धर्मों पर हिंदू कानूनों को लागू कर दिया जाएगा. विरोध करने वाले ये भी कहते हैं कि इससे अनुच्छेद 25 के तहत मिले अधिकारों का उल्लंघन होगा. अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है.

यूसीसी की आवश्यकता क्यों है? समान नागरिक संहिता के पक्ष - To provide equal status to all citizens irrespective of their religion, class, caste, gender, etc. - To promote gender equality. यूसीसी पुरुषों और महिलाओं दोनों को बराबर लाएगा।

भारत को समान नागरिक संहिता की आवश्यकता क्यों है? यूसीसी का मुख्य उद्देश्य विवाह, तलाक, गोद लेने, विरासत, उत्तराधिकार और संरक्षकता  से संबंधित वर्तमान कानूनों को सुव्यवस्थित करना होगा। यदि यूसीसी लागू किया  जाता है, तो यह विवाह के लिए न्यूनतम  कानूनी उम्र तय करने, द्विविवाह को खत्म  करने और अंतर-धार्मिक विवाह से  जुड़े मुद्दों को हल करने में सक्षम होगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड का क्या मतलब होता है? - यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है, भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो. यानी हर धर्म, जाति, लिंग के लिए एक जैसा कानून

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