हरियाणा का उदय 

No Comments

Photo of author

By YogiTutor24

1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ उस समय हरियाणा पंजाब प्रदेश का हिस्सा था। हरियाणा क्षेत्र के लोगों में भाषा को लेकर मतभेद होने लगे तथा पंजाब में प्रताप सिंह कैरों के शासनकाल के दौरान हरियाणा प्रदेश को अलग बनाने की मांग उठने लगी।

स्वागत समिति

1925 में अखिल भारतीय मुस्लिम लीग के दिल्ली अधिवेशन की स्वागत समिति के अध्यक्ष पीरजादा मुहम्मद हुसैन ने हरियाणा क्षेत्र को पंजाब से निकालकर दिल्ली में मिलाने की मांग उठाई थी।

दीनबंधु गुप्त

9 सितंबर 1932 को हरियाणा और दिल्ली के प्रख्यात राष्ट्रवादी नेता दीनबंधु गुप्त ने हरियाणा को पंजाब से भिन्न मानते हुए हरियाणा को अलग करने का वक्तव्य दिया था।

पंजाबी सूबा

1948 में अचानक मास्टर तारा सिंह ने अपने पत्र ‘अजीत’ में ‘पंजाबी सूबा’ से भी आगे ‘सिख राज्य’ बनाने की मांग की थी।

सच्चर फार्मूला (भीमसेन सच्चर)

1 अक्टूबर 1949 को सच्चर फार्मूला (भीमसेन सच्चर) के अंतर्गत पंजाब प्रांत को दो क्षेत्रों (पंजाबी क्षेत्र और हिंदी क्षेत्र) में विभाजित किया गया था।
29 दिसंबर 1953 में भारत सरकार ने सैयद फजल अली की अध्यक्षता में फजल अली आयोग का गठन किया । फजल आयोग की रिपोर्ट को वर्ष 1955 में प्रस्तुत किया गया था । अप्रैल में 1955 में सीमा आयोग रोहतक आया था ।

बलवंत तायल

भारत सरकार ने अप्रैल 1956 में क्षेत्रीय फार्मूला लागू करके पंजाब को पंजाब क्षेत्र व हरियाणा क्षेत्र ( हिन्दी क्षेत्र) में विभाजित कर दिया था । क्षेत्रीय समिति का अध्यक्ष बलवंत तायल चुना गया । 1960 में मास्टर तारा सिंह ने पंजाबी सूबे की मांग रखी थी ।

सरदार हुकम सिंह 

1965 ई. में भारत सरकार ने लोकसभा के अध्यक्ष सरदार हुकम सिंह की अध्यक्षता में पंजाब विभाजन पर विचार करने के लिए संसदीय समिति का गठन किया तथा 23 अप्रैल 1966 में इन्हीं की सिफारिश पर अलग राज्य की स्थापना की गई थी । 1965 में पंजाबी सूबे के लिए फतेह सिंह ने मरणव्रत की घोषणा की।

(जे. सी. आयोग)

समिति की सिफारिश के आधार पर सरकार ने मार्च 1966 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री जे.सी. शाह की अध्यक्षता में पंजाब सीमा आयोग (जे. सी. आयोग) आयोग का गठन किया ।जे.सी आयोग में तीन सदस्य थे- न्यायाधीश श्री जे.सी शाह, श्री एस. दत्ता, श्री एम.एम फिलिप। जे. सी शाह समिति की सिफारिश सरदार हुकम सिंह ने की थी ।

 1 नवंबर 1966

आयोग द्वारा पंजाब सीमांकन के पश्चात सितंबर 1966 में संसद ने पंजाब पुनर्गठन एक्ट पारित किया।

लंबे संघर्ष के बाद हरियाणा का, देश के 17वें राज्य के रूप में 1 नवंबर 1966 को जन्म हुआ ।

श्री धर्मवीर को राज्य का प्रथम राज्यपाल नियुक्त किया गया।

कांग्रेसी विधायकों द्वारा नवगठित हरियाणा विधानसभा में पंडित भगवत दयाल शर्मा को अपना नेता चुनने के बाद उन्हें प्रदेश का प्रथम मुख्यमंत्री बनाया गया ।

नोट :- अंग्रेजों ने हरियाणा को 1858 ई. में पंजाब में मिलाया था।
हरियाणा पूर्वी पंजाब का हिस्सा 1947 में बना था।
हरियाणा दिवस (राज्य दिवस) 1 नवंबर को मनाया जाता है।

दोस्तो आप मुझे ( योगी अकैडमी ) को Facebook पर Follow कर सकते है । दोस्तो अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस Facebook पर Share अवश्य करें । कृपया कमेंट के माध्यम से बताएं के ये पोस्ट आपको कैसी लगी आपके सुझावों का भी स्वागत रहेगा। धन्यवाद।

Leave a Comment